World Radiography day: रेडियोग्राफी से हर बीमारी का इलाज हुआ संभव

World Radiography day: रेडियोग्राफी से हर बीमारी का इलाज हुआ संभव

रोहित पाल

आज 8 नवंबर है और आज विश्व रेडियोग्राफी डे है। यह पूरे विश्व में मनाया जाता है। दरअसल आज के ही दिन 1895 में दुनिया में एक्‍स रे की खोज हुई थी। ये खोज इंसानी सभ्‍यता के इतिहास में कितनी महत्‍वपूर्ण थी ये किसी को बताने की जरूरत शायद नहीं है। एक्‍स रे से आरंभ हुई यात्रा अब तरह-तरह के जटिल जांच प्रणालियों तक पहुंच चुकी है जिसके जरिये मिनटों में शरीर के किसी भी हिस्‍से में हुई गड़बड़ी का पता लगाया जा सकता है। यहां तक कि रेडियोग्राफी और कंप्‍यूटर के मेल ने अब ऑपरेशन जैसी प्रक्रिया को भी बेहद आसान बना दिया है।

विश्‍व रेडियोग्राफी डे के आयोजन का मकसद लोगों को इसके महत्व के बारे में बताना है कि किस तरह से यह लोगों के इलाज में सहायक है और किस तरह से यह चिकित्सा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है। रेडियोग्राफी चिकित्सा में उपचार का ही एक हिस्सा है जो ऊर्जा का उपयोग करके बीमारियों का इलाज व उपचार करता है। रेडियोग्राफी बीमारी में सहायता करने की टेक्नोलॉजी है। रेडियोग्राफी इमेजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। जैसे अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे रेडियोग्राफी, मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई), कम्प्यूटटेड टोमोग्राफी (सीटी), पॉजिट्रॉन उत्सर्जन टोमोग्राफी (पीईटी), परमाणु दवा। इमेजिंग तकनीक डॉक्टर (या चिकित्सक) को मानव शरीर के भीतर देखने में मदद करती है और इसके जरिये बेहतर तरीके से निदान और इलाज करने में मदद करती है।

रेडियोग्राफर और रेडियोलॉजिस्‍ट में क्‍या अंतर है?

रेडियोग्राफी में एक्स किरणों का उपयोग किया जाता है जो घातक बीमारियों और चोटों के इलाज व उपचार में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अकसर लोग रेडियोग्राफी और रेडियोलॉजी में अंतर नहीं कर पाते। दरअसल रेडियोग्राफी रेडियोलॉजी का एक छोटा सा हिस्‍सा है। रेडियोग्राफी को हिंदी में विकिरण चित्रण कहते हैं और जैसा कि नाम से पता चलता है ये दरअसल विकिरण के जरिये शरीर के अलग-अलग अंदरुनी हिस्‍सों की तस्‍वीर उतारने का विभाग है। रेडियोग्राफर सिर्फ एक टेक्निशियन होता है। दूसरी ओर रेडियोलॉजी को हिंदी में विकिरण विज्ञान कहते हैं और ये चिकित्‍सा विज्ञान का एक अहम हिस्‍सा है और इसके विशेषज्ञ डॉक्‍टर ही होते हैं। रेडियोग्राफर स्‍कैनिंग और मशीनों के भौतिक संचालन में माहिर होता है। उसके द्वारा उतारी गई तस्‍वीरों का विश्‍लेषण कर रेडियोलॉजिस्‍ट बीमारी के बारे में अपना ओपिनियन देता है। किसी भी जांच की रिपोर्ट बनाने का काम अंतत- रेडियोलॉजिस्‍ट करता है।  

रेडियोग्राफी को दो भागों में बांटा गया है:

(1) डायग्नोस्टिक रेडियोग्राफी

(2) थेराप्यूटिक रेडियोग्राफी

जैसा कि नाम से ही पता चलता है डायग्‍नोस्टिक रेडियोग्राफी दरअसल सिर्फ बीमारी का पता लगाने तक सीमित होती है। इसके तहत आप एक्‍स रे, अल्‍ट्रासाउंड, अलग अलग तरह के स्‍कैन को रख सकते हैं जबकि थेराप्‍यूटिक यानी नैदानिक रेडियोग्राफी बीमारी के इलाज में इस्‍तेमाल होने वाली तकनीक होती है। नैदानिक रेडियोग्राफी का बेहतर उदाहरण है दूरबीन पद्धति से होने वाली च‍िकित्‍सा। इसमें शरीर के अंदर एक कैमरा छोटे से छेद के जरिये डाला जाता है और बीमारी वाली जगह की सटीक तस्‍वीर उसके जरिये कंप्‍यूटर पर दिखती रहती है और दो अन्‍य छोटे छेदों की मदद से कुशल सर्जन संबंधित अंग की सर्जरी करते हैं। आधुनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में रेडियोग्राफी का बहुत महत्व है क्योंकि इसके माध्यम से कई बीमारियों का इलाज संभव हो पा रहा है। इसके उपयोग से बीमारी की सही पहचान कर सही इलाज करना सरल हो गया है।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।